Blog Post

Vedasaram >
Shiva

निर्वाण षट्कम्

ॐ ॐ ओम् …शिवोऽहं शिवोऽहं, शिवोऽहं शिवोऽहं, शिवोऽहं शिवोऽहं मनो बुध्यहंकार चित्तानि नाहंन च श्रोत्र जिह्वे न च घ्राणनेत्रे ।न च व्योम भूमिर्न तेजो न वायुःचिदानंद रूपः शिवोऽहं शिवोऽहम् ॥ 1 ॥शिवोऽहं शिवोऽहं, शिवोऽहं शिवोऽहं, शिवोऽहं शिवोऽहं न च प्राण संज्ञो न वैपंचवायुःन वा सप्तधातुर्न वा पंचकोशाः ।नवाक्पाणि पादौ न चोपस्थ पायूचिदानंद रूपः शिवोऽहं शिवोऽहम् […]

Read More
Shiva

शिव पंचाक्षरि स्तोत्रम्

ॐ नमः शिवाय शिवाय नमः ॐॐ नमः शिवाय शिवाय नमः ॐ नागेंद्रहाराय त्रिलोचनायभस्मांगरागाय महेश्वराय ।नित्याय शुद्धाय दिगंबरायतस्मै “न” काराय नमः शिवाय ॥ 1 ॥ मंदाकिनी सलिल चंदन चर्चितायनंदीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय ।मंदार मुख्य बहुपुष्प सुपूजितायतस्मै “म” काराय नमः शिवाय ॥ 2 ॥ शिवाय गौरी वदनाब्ज बृंदसूर्याय दक्षाध्वर नाशकाय ।श्री नीलकंठाय वृषभध्वजायतस्मै “शि” काराय नमः शिवाय ॥ […]

Read More
Shiva

बिल्वाष्टकम्

त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रियायुधम् ।त्रिजन्म पापसंहारं एकबिल्वं शिवार्पणम् ॥ त्रिशाखैः बिल्वपत्रैश्च अच्छिद्रैः कोमलैः शुभैः ।तवपूजां करिष्यामि एकबिल्वं शिवार्पणम् ॥ कोटि कन्या महादानं तिलपर्वत कोटयः ।कांचनं शैलदानेन एकबिल्वं शिवार्पणम् ॥ काशीक्षेत्र निवासं च कालभैरव दर्शनम् ।प्रयागे माधवं दृष्ट्वा एकबिल्वं शिवार्पणम् ॥ इंदुवारे व्रतं स्थित्वा निराहारो महेश्वराः ।नक्तं हौष्यामि देवेश एकबिल्वं शिवार्पणम् ॥ रामलिंग प्रतिष्ठा च […]

Read More
Shiva

लिंगाष्टकम्

ब्रह्ममुरारि सुरार्चित लिंगंनिर्मलभासित शोभित लिंगम् ।जन्मज दुःख विनाशक लिंगंतत्प्रणमामि सदाशिव लिंगम् ॥ 1 ॥ देवमुनि प्रवरार्चित लिंगंकामदहन करुणाकर लिंगम् ।रावण दर्प विनाशन लिंगंतत्प्रणमामि सदाशिव लिंगम् ॥ 2 ॥ सर्व सुगंध सुलेपित लिंगंबुद्धि विवर्धन कारण लिंगम् ।सिद्ध सुरासुर वंदित लिंगंतत्प्रणमामि सदाशिव लिंगम् ॥ 3 ॥ कनक महामणि भूषित लिंगंफणिपति वेष्टित शोभित लिंगम् ।दक्षसुयज्ञ विनाशन लिंगंतत्प्रणमामि सदाशिव […]

Read More
Shiva

काशी विश्वनाथाष्टकम्

गंगा तरंग रमणीय जटा कलापंगौरी निरंतर विभूषित वाम भागंनारायण प्रियमनंग मदापहारंवाराणशी पुरपतिं भज विश्वनाथम् ॥ 1 ॥ वाचामगोचरमनेक गुण स्वरूपंवागीश विष्णु सुर सेवित पाद पद्मंवामेण विग्रह वरेन कलत्रवंतंवाराणशी पुरपतिं भज विश्वनाथम् ॥ 2 ॥ भूतादिपं भुजग भूषण भूषितांगंव्याघ्रांजिनां बरधरं, जटिलं, त्रिनेत्रंपाशांकुशाभय वरप्रद शूलपाणिंवाराणशी पुरपतिं भज विश्वनाथम् ॥ 3 ॥ सीतांशु शोभित किरीट विराजमानंबालेक्षणातल विशोषित पंचबाणंनागाधिपा […]

Read More
Shiva

चंद्रशेखराष्टकम्

चंद्रशेखर चंद्रशेखर चंद्रशेखर पाहिमाम् ।चंद्रशेखर चंद्रशेखर चंद्रशेखर रक्षमाम् ॥ (2) रत्नसानु शरासनं रजताद्रि शृंग निकेतनंशिंजिनीकृत पन्नगेश्वर मच्युतानल सायकम् ।क्षिप्रदग्द पुरत्रयं त्रिदशालयै-रभिवंदितंचंद्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यमः ॥ 1 ॥ पंचपादप पुष्पगंध पदांबुज द्वयशोभितंफाललोचन जातपावक दग्ध मन्मध विग्रहम् ।भस्मदिग्ध कलेबरं भवनाशनं भव मव्ययंचंद्रशेखर चंद्रशेखर चंद्रशेखर रक्षमाम् ॥ 2 ॥ मत्तवारण मुख्यचर्म कृतोत्तरीय मनोहरंपंकजासन पद्मलोचन पूजितांघ्रि सरोरुहम् […]

Read More
Shiva

शिवाष्टकम्

प्रभुं प्राणनाथं विभुं विश्वनाथं जगन्नाथ नाथं सदानंद भाजाम् । भवद्भव्य भूतेश्वरं भूतनाथं, शिवं शंकरं शंभु मीशानमीडे ॥ 1 ॥ गले रुंडमालं तनौ सर्पजालं महाकाल कालं गणेशादि पालम् । जटाजूट गंगोत्तरंगैर्विशालं, शिवं शंकरं शंभु मीशानमीडे ॥ 2॥ मुदामाकरं मंडनं मंडयंतं महा मंडलं भस्म भूषाधरं तम् । अनादिं ह्यपारं महा मोहमारं, शिवं शंकरं शंभु मीशानमीडे ॥ 3 […]

Read More
Shiva

श्री रुद्रं – चमकप्रश्नः

ॐ अग्ना॑विष्णो स॒जोष॑से॒माव॑र्धंतु वां॒ गिरः॑ । द्यु॒म्नैर्वाजे॑भि॒राग॑तम् । वाज॑श्च मे प्रस॒वश्च॑ मे॒ प्रय॑तिश्च मे॒ प्रसि॑तिश्च मे धी॒तिश्च॑ मे क्रतु॑श्च मे॒ स्वर॑श्च मे॒ श्लोक॑श्च मे श्रा॒वश्च॑ मे॒ श्रुति॑श्च मे॒ ज्योति॑श्च मे॒ सुव॑श्च मे प्रा॒णश्च॑ मेऽपा॒नश्च॑ मे व्या॒नश्च॒ मेऽसु॑श्च मे चि॒त्तं च॑ म॒ आधी॑तं च मे॒ वाक्च॑ मे॒ मन॑श्च मे॒ चक्षु॑श्च मे॒ श्रोत्रं॑ च मे॒ दक्ष॑श्च मे॒ […]

Read More
शिव

श्री रुद्रं लघुन्यासम्

ॐ अथात्मानग्ं शिवात्मानं श्री रुद्ररूपं ध्यायेत् ॥ शुद्धस्फटिक संकाशं त्रिनेत्रं पंच वक्त्रकम् । गंगाधरं दशभुजं सर्वाभरण भूषितम् ॥ नीलग्रीवं शशांकांकं नाग यज्ञोप वीतिनम् । व्याघ्र चर्मोत्तरीयं च वरेण्यमभय प्रदम् ॥ कमंडल्-वक्ष सूत्राणां धारिणं शूलपाणिनम् । ज्वलंतं पिंगलजटा शिखा मुद्द्योत धारिणम् ॥ वृष स्कंध समारूढं उमा देहार्थ धारिणम् । अमृतेनाप्लुतं शांतं दिव्यभोग समन्वितम् ॥ दिग्देवता समायुक्तं […]

Read More
  • 1
  • 2